पहाड़ो में अनार जैसा ही एक और पेड़ होता है , जिसे दाड़िम का पेड़ कहा जाता है। वैसे तो ये अनार का ही छोटा भाई है , मगर यह उतना मीठा नहीं होता। यह मीठा और खट्टे का मिश्रण है और इसी से अनारदाना भी बनता है। इसके बीजो को सुखाया जाता है और फिर पुदीने के साथ इसकी चटनी बनायीं जाती है। आजकल असोज के महीने में ही अक्सर यह पकता है और इसके दाने निकालकर आप कई छतो के ऊपर इसे देख सकते है।
दाड़िम मेरा पसंदीदा फल रहा है क्यूंकि यह मीठे और खट्टे का स्वाद एक साथ देता है। जब इसके सुखाये बीजो को सिलबटे में हरे पुदीने के साथ पीसा जाता है और स्वादानुसार मिर्च का तड़का लगाया जाता है फिर उसके बाद जीभ में जो स्वाद आता है , वह फिर ताउम्र याद रहता है।
क्या आपने खायी है कभी वो दाड़िम और पुदीने की चटनी ???? अगर हां , तो याद आया उसका स्वाद। जिन्होंने नहीं खायी है , पहाड़ से दाड़िम मंगवा लीजिये और पुदीना तो कही भी मिल जायेगा। बनाइये दाड़िम और पुदीने की चटनी। फिर जब चाहे , तब खाइये।
आहा लेखक जी आप ने पहाड़ के गुज़रे दिन याद दिल दिये आपको साधुवाद 👏👏👏👏
ReplyDeleteपड़ते पड़ते मुँह में पानी का टपकार आ गया वाह 😋😋😋
बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏