Wednesday 17 April 2019

जे ले हौल , देखिनि रौल।




कै बाते चिंता , कै बातें फिक्र 
जो कर्म आपुण हाथ मी छीन , 
करते जाओ , बाकि 
जे ले हौल , देखिनि रौल।   

मेहनत करण मी नि घबराओ , 
बंजर स्यार मी हौ तो चलाओ , 
दौ पाणी चिंता तुम नि करो , 
जे ले हौल , देखि जाल।  

नान्तिनो कू तुम पढ़ाओ , 
भाल संस्कार उनकू दौ , 
बकाई उनैर किस्मत भई ,
जे ले हौल , देखिनि रौल।   

चिंता फिक्र ज्यादेक नि करो , 
तबियत आपुण नि बिगाड़ो , 
कर्मो फल जरूर मिलाल , 
जे ले हौल , देखिनि रौल।  

समयेक फेर चलते रुनी , 
कभते  घाम , कभते दौ लागि रूनी 
समयक दिगे कदमताल करि जाओ ,
जे ले हौल , देखिनि रौल।  

सुःख दुःख तो उने -जाने रौल , 
ठंड बाद गर्मी उने रौल , 
ज्यादेक चकबकाहट क्ये देखूण हरौ , 
जे ले हौल , देखिनि रौल।  


जे ले हौल , देखिनि रौल - जो होगा , देखा जायेगा 

Friday 5 April 2019

दाज्यू , आपुण पहाड़ देख जाओ।



गर्मी एगे दाज्यू ,
अब ए जाओ पहाड़ ,
ठंडी हवा ,
ठंडो पाणी ,
खोल जाओ ,
आपुण घराक द्वार। 

गौव -गाढ़ भेट जाओ,
दव्याप्त आपुण पूज जाओ ,
काफो - हिसाव खे जाओ ,
नान्तिनुकू पहाड़ दिखे जाओ,
शहरो मी ताती जाला ,
यौ गर्मी पहाड़ काटी जाओ। 

गौव -गौव उजाड़ हेगी ,
ज्यादातर घरकु ताई लटक गी ,
खौव मी दूब जामगो ,
मंदिर मी दीय  जगाई म्हणो हेगो,
कुछ दिन ऐ जाओ ,
दाज्यू , आपुण पहाड़ देख जाओ। 


जोशीमठ

  दरारें , गवाह है , हमारे लालच की , दरारें , सबूत है , हमारे कर्मों की , दरारें , प्रतीक है , हमारे स्वार्थ की , दरारें ...