दरारें ,
गवाह है ,
हमारे लालच की ,
दरारें ,
सबूत है ,
हमारे कर्मों की ,
दरारें ,
प्रतीक है ,
हमारे स्वार्थ की ,
दरारें ,
परिणाम है ,
प्रकृति से दुःसाहस की।
दरारें ,
सूचक है ,
हमारी बेलगाम प्रवृति की।
जोशीमठ ,
टूट रहा है,
रिस रहा है,
धँस रहा है,
रो रहा है ,
कौन सुने पीड़ा ,
जोशीमठ की,
न जाने कल ,
किस पहाड़ की बारी।
- आनन्द मेहरा
ग्राम -कोटुली , पोस्ट - रणमण , अल्मोड़ा ( उत्तराखंड )
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