जय हो केदारा , जय हो मानस खंड
जय जय जय हो म्यर उत्तराखण्ड।
तपोभूमि तू , देवभूमि तू ,
तू छे शिवजी कौ कैलाशा।
गंगा यमुना त्येरी चेलियाँ ,
कण कण मी भगवानो वासा।
जय हो केदारा , जय हो मानस खंड
जय जय जय हो म्यर उत्तराखण्ड।
गढ़वाल और कुमाऊं त्यारा द्वी हाथा ,
भाभर छू अन्न कौ भकारा।
बद्री तू , केदार ज्यू तू ,
नंदादेवी छू मुकुटौ हिमाला।
जय हो केदारा , जय हो मानस खंड
जय जय जय हो म्यर उत्तराखण्ड।
हरिद्वार तू , पार्वती को सरासा
ऋषियों की तपोभूमि , तू छै शिवज्यू का वासा।
वीरो की कर्मभूमि , शेणियो कौ सम्माना ,
करणी आज तुकै त्यार- नानतिन प्रणामा।
जय हो केदारा , जय हो मानस खंड
जय जय जय हो म्यर उत्तराखण्ड।
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