हिटो ददा भूली , हिटो भे -बेणियओ- पहाड़ बुलौनी !
नौव ठण्ड पाणी , बांज बूझाणी - सब धात लगौनी !!
पौरो की बखई, धार मी कौ घाम - सब तरसनि !
गद्दुआ का झाल , उ भट्टाक डुबुक - तुमर राह देखणी !!
आलूक गुटुक - काकड़ फूलुन - तुमकू बुलौनी !
का छा रे नान्तिनो - गोल्ज्यू और गंगनाथ ज्यूँ बुलौनी !!
आमेक बुबु फसक - गुड़ कटक चाह -धरिये रौनी !
आपण नान्तिनो लीजि पहाड़ आंस बहूनि !!
उजाड़ गौव , शुद्ध हाव -पाणी, हरी भरी जंगाव !
कबे बट्टी तुमौर राह देखनि !!
ए , जाओ रे म्यर नान्तिनो !
धार मी बट्टी म्यर पहाड़ा आवाज लगौनि !!
No comments:
Post a Comment