ओ दाज्यू
, ओ भुला, ओ बेणी
, ओ कका
पुराण साल लहगो, नयी
साल एगो।
जी रैया
, जाग रैया ,
नयी साल
मी खूब खुश
रैया ,
जस ले
छी ,
पुराण साल लहगो
,
एगो नयी
साल अब ,
आपुण लोगो
कू भेंट न
रैया।
बाल गोपाल
सब भल है
रैया ,
आपुण घरो
ठुलो तुम ख्याल
धरिया ,
गोठ बट्टी
भेतर तक ,
खूब फलिया
-फूलिया।
ओ दाज्यू
, ओ भुला, ओ बेणी
, ओ कका
पुराण साल लहगो, नयी
साल एगो।
डबलू बरसात
है जो ,
घर तुम्हेर
लैंटर वाल हेजो
,
भकार तुम्हार
अन्न भरी जो
,
सबु तबियत
ठीक है जो।
गोल्ज्यू आशीष है
रो ,
बढ़ बट्टी
बान तक हरिये
रो ,
तुम्हर मुख में
हमेशा ,ख़ुशी रे
जो,
नानतिन तुम्हार खूब होशियार हे जो।
नानतिन तुम्हार खूब होशियार हे जो।
ओ दाज्यू
, ओ भुला, ओ बेणी
, ओ कका
पुराण साल लहगो, नयी
साल एगो।
No comments:
Post a Comment