जा ले रैये , खुश रै
बाँटने रे प्यार ,
कैहू झकोड़ झन करिये ,
हमार तैश नेथिन संस्कार।
सबहु मीठ बुलाए ,
ठुलोक इज्जत करिये ,
नान - नान्तिनो की दिए प्यार ,
भल भल खे ,
नि लिहे कहूं उधार।
काम ध्यानेन करिये ,
मन लगै खूब ,
खर्च पाणी भेजने रै ,
मी बुढ़ि गौ मी छू ठीक।
छुट्टी मिलला , उन रे
गौ ले चैड़ भोय जरूर ,
या जस का भोय और के ,
निमेल घाम , ठंड पाणी
फ्री में का मिलु ,
ताजी हाव खाऊ ,
द्यु -चार दिनेक छुट्टी ,
मांग लिये,
और झट अ जाये ,
आपुण घर द्वार।
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