मैं गैरसैण बोल रहा हूँ ,
कुछ लोगो की नीयत की पोल खोल रहा हूँ ,
अपने स्वार्थो के लिए कुछ लोगो ने ,
मुझसे मेरा हक़ दूर कर दिया ,
वादा करके मुझसे ,
कही और घर कर लिया।
मैं गैरसैण बोल रहा हूँ ,
उत्तराखंड का दिल हूँ ,
हरेक के नजदीक हूँ ,
मगर कुछ स्वार्थी लोगो को खटकता हूँ ,
इसलिए अब तक हक़ के लिए तरस रहा हूँ।
मैं गैरसैण बोल रहा हूँ ,
पहाड़ मुझसे ज्यादा दूर नहीं ,
मैदानों से मुझे कोई वैर नहीं ,
मैं तो अपना हक़ चाहता हूँ ,
जो वादा किया था ,
बस वह चाहता हूँ ,
मैं गैरसैण बोल रहा हूँ ,
माना मैं अभी सजा धजा नहीं ,
लेकिन खूबसूरत मैं किसी से कम नहीं ,
प्रकृति ने नवाजा है मुझे ,
अब बारी तुम्हारी है अपना वचन निभाओ तो सही।
मैं गैरसैण बोल रहा हूँ ,
यहाँ से मैं सब कुछ देख सकता हूँ ,
पूरे उत्तराखंड में नजर रख सकता हूँ ,
जब भी जरुरत पड़ेगी किसी को भी ,
तुरंत पहुंच सकता हूँ।
मैं गैरसैण बोल रहा हूँ ,
आओ , की बसाओ मुझे ,
आह्वान आप सबका करता हूँ ,
आबाद करो मुझे ,
मैं उत्तराखंड की धड़कन बनने को तैयार हूँ।
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