Thursday, 18 January 2018

मैं गैरसैण बोल रहा हूँ

मैं गैरसैण बोल रहा हूँ , 
कुछ लोगो की नीयत की पोल खोल रहा हूँ , 
अपने स्वार्थो के लिए कुछ लोगो ने , 
मुझसे मेरा हक़ दूर कर दिया , 
वादा करके मुझसे , 
कही और घर कर लिया। 

मैं गैरसैण बोल रहा हूँ ,
उत्तराखंड का दिल हूँ , 
हरेक के नजदीक हूँ ,
मगर कुछ स्वार्थी लोगो को खटकता  हूँ , 
इसलिए अब तक हक़ के लिए तरस रहा हूँ।  

मैं गैरसैण बोल रहा हूँ ,
पहाड़ मुझसे  ज्यादा दूर नहीं , 
मैदानों से मुझे कोई वैर नहीं , 
मैं तो अपना हक़ चाहता हूँ , 
जो वादा किया था , 
बस वह चाहता हूँ , 

मैं गैरसैण बोल रहा हूँ ,
माना मैं अभी सजा  धजा नहीं , 
लेकिन खूबसूरत मैं किसी से कम नहीं , 
प्रकृति ने नवाजा है मुझे , 
अब बारी तुम्हारी है अपना वचन निभाओ तो सही।  

मैं गैरसैण बोल रहा हूँ ,
यहाँ से मैं सब कुछ देख सकता हूँ , 
पूरे उत्तराखंड में नजर रख सकता हूँ , 
जब भी जरुरत पड़ेगी किसी को भी ,
तुरंत पहुंच सकता हूँ।  

 मैं गैरसैण बोल रहा हूँ ,
आओ , की बसाओ मुझे , 
आह्वान आप सबका करता हूँ , 
आबाद करो मुझे , 
मैं उत्तराखंड की धड़कन बनने को तैयार हूँ।  

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