गर्मी ऐगे दाज्यू , अब तो हिटो पहाड़
देवदार बोठो शौ , बांझक जाडू ठंड पाणी
प्लुम , खुमानी , काफो - खे जाओ ,
आओ , सब यो गर्मी मी ,
आपुण आपुण द्वार खोल जाओ।
मैदार ठंड हाव चली रे ,
चाड पिटूंग करनी ची चीटाट,
राति ब्याऊ ठंड छू ,
स्वागत करनी यो पहाड़।
गर्मी ऐगे दाज्यू , अब तो हिटो पहाड़
खोल जाओ अब आपुण आपुन घरेक द्वार
द्याप्तो पूज कर जाओ ,
धर जाओ कराण ,
रक्षा कराल तुमार कुल द्यापत ,
आपुण बच्चो कू ले दिखाओ आपुण जड़ ,
आओ , ए जाओ यो गर्मी पहाड़।
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