क्याप , क्याप हेगो ,
सही छू हो महाराज ,
आजेक जमान मी भौल मैस हरेगो।
संस्कार बदल गी ,
फैशन बदल गो ,
गौ गाड़ केकू भौल नी लागेन ,
सबु घर अब शहर मी हेगो।
मोबाइल फोन अब सबु हाथ एगो ,
एक घरक भीतर आवाज नि दीन ,
व्हाट्सप्प मि " खाऊ आओ " मैसेज चमक गो।
आपुण खेती बाँझ पड़ी गे ,
अनाज अब मौल हेगो ,
छा -दूध को पी अब ,
घर घर चाहा और कॉफ़ी सुराट हेगो।
ठंड हाव , ठंड पाणी अब पुराणी बात हेगे ,
नौव सब सूख गी , बौठ डाऊ सब काटी गी ,
शेणी अब मिजात मी मगन छीन ,
मैस ताश और दारू दिगे मस्त छीन।
क्याप , क्याप हे गो ,
पैदल को चलु अब ,
गाडियाक भुभाट हेगो,
पहाड़ अब पैली जस नि रेगो।
Nice jiju
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