Thursday, 21 February 2019

भौते जाड़



ह्यू पड़ गो डाना-काना ,
सफ़ेद चद्दर जस बिछी गो , 
ग्वोर बाछ अरणी गी , 
यस ह्यून कू बजर पड़ी जो।  

आगेक मुत्थि बैठण भौल लागि गो ,
बूढ़ बाड़ियाक बाई पीड़ फिर जाग गो , 
अड़कसे हेगो यौ फेरा दाज्यू , 
रम पी बेर ले ठंड लागि गो।  

पाणी कलकलाट हेगो , 
सूखी लकाड़ोक धुआँठ हेगो ,
आण - काथ निमड़ गी अब, 
अब तो जा ठण्डा , फागुन एगो।   



( ह्यु - बर्फ , अरणी - ठंडा पड़ना , आण - काथ- पहेलियाँ , कहानी ; लकाड़ोक- लकड़ियां ; निमड़- ख़त्म होना ) 

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बजर पड़ गौ

सरकारेक फ्री राशन बट्टी ,  पहाड़ों मी खेती कू बजर पड़ गौ।   हाथ -हाथ मी मोबाइल ,  काम धंध मी बजर पड़ गौ।   साग पात ,फल फूल उजड़ गयी ,  बानर हेगी...