Friday, 10 October 2025

बजर पड़ गौ


सरकारेक फ्री राशन बट्टी , 

पहाड़ों मी खेती कू बजर पड़ गौ।  


हाथ -हाथ मी मोबाइल , 

काम धंध मी बजर पड़ गौ।  


साग पात ,फल फूल उजड़ गयी , 

बानर हेगी बेहिसाब , बजर पड़ गौ। 


द्वी मिनट मी मैग्गी बण जाने , 

लेसु रवाटो मी बजर पड़ गौ।  


सब जाण फैगी पहाड़ छोड़ बेर , 

गौ -गौनो मी बजर पड़ गौ।  


Monday, 6 October 2025

असोज

 

असोज सिमरु ऐ जा ब्वारी ,

कहाणेक है रै चुटाचुट,

धानक थुपड़ भिझ जानिइये ,

घा काटी बेर खितेड छीन लुट। 

 

नान्तिनो कू चाडों टेम नेहे ,

खाण पीणो काकू ध्यान है रौ ,

हौ -भान कारण छीन ,

खौह मी है रै दै। 

 

काव लाग रौ यौ असोज कू ,

सिमरेन सिमरने आफत ऐ रै ,

झन कै ब्वारी -भट भेज दियो ,

भटाल म्येरि कमर तोड़ रै। 

 

मडु टीपेन -टीपने हाथ पटे गी ,

अखोड़ बौठम बट्टी बानर हीलेगी ,

बजर पड़ जो यौ असोजक मेहण कू ,

काम ज्यादेक , भकार खाली रुण।    

 

बजर पड़ गौ

सरकारेक फ्री राशन बट्टी ,  पहाड़ों मी खेती कू बजर पड़ गौ।   हाथ -हाथ मी मोबाइल ,  काम धंध मी बजर पड़ गौ।   साग पात ,फल फूल उजड़ गयी ,  बानर हेगी...