Wednesday, 26 June 2019

चलो , सँवारे अपना उत्तराखंड


अपनी भूमि , अपना प्रदेश
अपना गाँव , अपना घर
मिलजुलकर आओ सब ,
सँवारे अपना उत्तराखंड। 

जन्मे भाग्य से इस भूमि पर  ,
देवलोक सा हमारा उत्तराखंड ,
नदियाँ , झरने, घने जंगल
प्रकृति का वरदान उत्तराखंड। 

भुला दिया है हमने ,
बाकी है हमपर इसका ऋण ,
समय आ गया अब ,
उन्नति की राह चले मेरा उत्तराखंड। 

एक से अनेक बने ,
अनेको से ताकत मिले ,
सर्वत्र विकास के पथ पर ,
अपना उत्तराखंड चले। 

आओ की अब खुद पहल करे , 
प्रकृति के इस उपहार को , 
फिर से देवभूमि बनाये ,
जैसे भी हो , प्रयास करे।  
चलो , सँवारे अपना उत्तराखंड।  

No comments:

Post a Comment

पधानी चुनाव

भौते मुश्किल हू पधान चुनेण मी ,  नानू -नान गौव म्हे ठाण है जानि पाँच ,  क्वे बिरादर , क्वे रिश्तेदार ,  क्वे ठुल , क्वे कका , क्वे नान ,  वो...