Saturday, 3 November 2018

गौव - गाड़ेक हाल समाचार


बता धी भुला , म्यार पहाडेक हाल,
म्यूकि नि जाई, हेगी कदु साल। 

बाट -बखाई उस्से छीना ,
वै छो ऊ गोल्ज्यू थान।

रमु कक्क जिन्द छीना ,
धार मी आईले उछो चिट घाम। 

पाणी धार बाँजेक बुझाणी हुनोल ,
काश छीन घट्ट -बिरबान। 

दाज्यू , बदल गो हो हमौर पहाड़ ,
बाँझ पड़ गी गौव-गाड़। 

तुमार घराक बल्ली सड़ गी ,
गोठ भेतर चौफान हेगी । 

खेतीबाणी सब बाँझ पड़ी गे ,
वानरों हर जाग़ धीरधिराट हेगो ।

गोल्ज्यू थान मी दूब जामिगो ,
बाँझ बुझांणी धार सूख गो। 

रमु कक्क परलोक सिधार गी ,
चैलाक उनौर झकोड़ हेगो। 

बकाई अब गौव मी केय नि रेगो ,
खालि अब नामेनाम  रेगो। 

दाज्यू  , बाँझ पड़ गी हमार गौ-गाड़ सब ,
पत् न केक हँकार लागि गो।

फोटो साभार - गूगल 

1 comment:

  1. Bhula ,ab to kuchh salo bad gaw ese hote the ,ye books me padenge .Gaw ke bachche ab kumauni nhi bolte ,ye boli bhi sambhal ke rakhni hei .

    ReplyDelete

जोशीमठ

  दरारें , गवाह है , हमारे लालच की , दरारें , सबूत है , हमारे कर्मों की , दरारें , प्रतीक है , हमारे स्वार्थ की , दरारें ...