याद आया आपको पहाड़ और वो स्वाद ?
पहाड़ो में खाने का अपना रिवाज है। अमूमन दिन के समय भात ( चावल ) के साथ दाल या कोई पहाड़ी व्यंजन बनाया जाता है और रात को रोटी के साथ सब्जी बनायीं जाती है।
इस फोटो को देखकर अपने पहाड़ो से दूर रहने वालो को जरूर अपने गाँव की याद आएगी और याद आएगा वो स्वाद।
दिन के खाने में अक्सर चावल के साथ मौसमी दाल या सब्जी बनायीं जाती है। इस पहाड़ी थाली में भट्ट का जोउ , झोई ( कढ़ी) , भात , हरी सब्जी की टपकी और भाँग की चटनी है। यह पहाड़ो की शाकाहारी विशेष थाली है जो दिन में बड़े चाव से खायी जाती है।
पहाड़ी झोई , दही को मथने के बाद बची छाछ से बनाई जाती है और इसमें पकौड़े नहीं डाले जाते है। थोड़ा सा खटास लिए यह झोई जब मुँह में जाती है तो स्वाद कीर्तन करने लगता है। हरी सब्जी की टपकी, भात और भट के जोऊ के साथ स्वाद का सामंजस्य बिठाने का काम करती है। चटनी वैल्यू एडेड सर्विस है जो पूरे खाने में तड़के सा काम करती है।
जब भी पहाड़ जाइये तो इस विशेष थाली का लुत्फ़ उठाने से खुद को रोकियेगा मत। बस खा जाइये , तन मन सब तृप्त हो जायेगा।
फोटो आभार - श्री प्रकाश कपकोटी , कपकोट
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