ह्यू पड़ो डाना डाना ऊजाव
पट हेगे यौ जुन्याली रात।
स्वामी म्यरा परदेसा
कहा कू सूवा अब दिलेक बात ।।
बूढ़ी ईजा रोज पूछू काश
छीन वीक च्यलाक हाल।
नानतिन रोज़ बाट देखनि
कब आल पूछनी बार बार ।।
पहाड़ जीवन कठोर जस डासी
डुंग धरि रु गाड़।
दिन तो काटी जानी पराण
उदेखि जस पुसेक रात ।।
तुम्हेर दिगे बितायी
पल भोते ऊनि याद।
जाड़ कुठरी जा जस ढकी
रयी कमोय सात।।
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