Saturday, 23 January 2021

कुमाउँनी शेर

 -1-

खुट उदेगे फैलूंण चैनी ज्यदु चद्दर छू।  

नंगेड़े खुटो को ठण्ड बहुत लागू। 

-2-

मैस पाख मी चढ़नी तो आपुण धुरी मी नि चड़न चे। 

चड़न तो आसान हूँ हुलेरण फगे भोते दिक्कत है जे।  

-3-

पहाड़ जय्दू भाल देखनि भतेर उदुके दर्द छिपे रूनी। 

आपुण पीड़ दर्द ऊ फिर गाड़ गधेरो कुणी बतनुहि।।

-4

जो पहाड़ ज्यदु ठुल हूँ विक गहराई ले उदेगु हूँ। 

आसमां हू बात करछो पाताल तक टिकी हूँ।। 

-5-

नि छेड़ ला -सीध साध हुनि पहाड़ी शेणी मैस। 

छेड़ी गया फिर भैंस की तीस वाई उनेर रीस।  


2 comments:

  1. Wow amzing. Kuddos to you. Keep promoting our language and culture

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जोशीमठ

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