एक जमान उले हुछि ,
द्वारो मी म्योर गौंव वाल ताई नी लगुछी ,
गौंव मी एकेक पीड़ ,
सब गौंव वालू पीड़ हुछि।
मिल जुल बेर सब काम हुछि ,
बूढ़ बाड़िया खूब पूछ हुछि ,
नानतिन सब दगडे खेलछि ,
राती बटे ब्याव गौंव आबाद रुछि।
नौव पाणी हुछि ,
बांजाक बूझाणि हुछि ,
जंगओ मी काफल और बमौर पाकछि,
पूरा गौंव एक धात मी इकट्ठ हुछि।
साग -पाताक ऐच पेच हुछि ,
एक घरेक धिनाय सबु चाह रंगुछि,
गौव स्याणु दीबे सब डरछी ,
पूरा गौव एक परिवार बड़ बेर रुछि।
बखत बदलौ , सब बदेई गो
म्योर गौव ले अब संस्कार भूल गो ,
तलिहु जाणे दौड़ लागी रै ,
येक चक्कर मी अब म्योर गौव हरेगो।
कुमाउँनी शब्द और हिंदी अर्थ
( जमान - समय , ताई - ताला , एकेक - एक की , पीड़ - दुःख दर्द , बूढ़ बाड़िया- बुजुर्ग , ब्याव - साँझ , धात - आवाज , एच पेच -लेन देन , धिनाय - दूध दही , स्याणु - बुजुर्ग , बखत - समय , बदेई- बदलना , तलिहु - मैदानी भाग , हरेगो - खोना, काफल और बमौर- स्थानीय फल )
बहुत सुंदर लेखक आनंद जी वाह जवाब नहीं आपका पहाड़ों की यादों में खो गये एक पल को हम आहा 👌👌👌👌👌👌
ReplyDeleteअतिसुन्दर सर, बहुत ही सुन्दर लेखन पहाड़ो की यादो का याद राना।।
ReplyDeleteSuperb Mehra saab...
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