ये फोटो अनायास ही मुझे मेरे बचपन में ले गया। मैं मूलतः अल्मोड़ा ज़िले के सोमेश्वर क्षेत्र के एक छोटे से गाँव का निवासी हूँ और अब आजीविका के लिए दिल्ली में रहता हूँ। कल पहाड़ो में भारी बर्फ़बारी हुई तो किसी ग्रुप में ये फोटो वायरल होकर मुझ तक पहुँची।
मेरा बचपन भी गाँवों में बीता और जब छोटा था तो हम भी थाली लेकर गिरती ताजी बर्फ इकठ्ठा करते थे और फिर घर के अंदर जाकर गुड़ के साथ खाते थे। वो शायद हमारे लिए उस समय आइसक्रीम का काम करती थी। मगर ताज़ी बर्फ का स्वाद , फ्रिज में जमे बर्फ से बहुत अलग होता है। और जब ये ताज़ी बर्फ की फाँके गुड़ के साथ मुँह में घुलती थी , मजा आ जाता था।
पहाड़ो में अभी और बर्फ गिरेगी , तो कोशिश करियेगा - ताजी बर्फ और गुड़ की आइस क्रीम।
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