दाथुली सब जाणु म्येर मनेक बात ,
मी ले पछाड़ूँ येक क्षणक्ष्णाट,
म्येर दगड़ू छू यौ ,
येका दिगे हुनि म्यार बात।
विरहा मन म्यरौ ,
जंगओ जसि बात ,
काट घा जल्दी जल्दी ,
ग्वोर बाछौ टिटाट।
भौ बौज्यू परदेश भया ,
काकू सुणो आपुण बात ,
दाथुली अब तू मेरी दगड़ी ,
तू हूणी कर ल्यू द्वि चार बात।
घा काटन काटन त्येर धार ,
ले अब मंद पड़ी गे ,
मी ले बूढ़ी फगियो ,
अघिन जन्मम दाथुल झन बणिये।
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