पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी पंचतत्व में विलीन हो गयी और पीछे अपनी अनगिनत यादें छोड़ गयी। राजनीतिज्ञ होने के साथ साथ उन्होंने भारतीय महिला का जो रूप प्रस्तुत किया , वो यकीनन अनुकरणीय है। 2002 में चुनाव प्रचारो में वो रानीखेत भी आयी थी और जब रानीखेत में उनका परम्परागत स्वागत किया गया और पिछौड़ा ओढ़ाया गया तो वो सहसा बोल उठी - " रानीखेत तो मेरा मायका हो गया। " यह फोटो अपने आप में सहस्त्र शब्दों के बराबर है।
" नश्वर शरीर है , एक दिन सबको जाना है।
कितने दिलो में घर कर गए , यही महानता का पैमाना है।।"
फोटो साभार - गूगल
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