गर्मी एगे
दाज्यू ,
अब ए जाओ
पहाड़ ,
ठंडी हवा
,
ठंडो पाणी
,
खोल जाओ
,
आपुण घराक
द्वार।
गौव -गाढ़
भेट जाओ,
दव्याप्त
आपुण पूज जाओ ,
काफो - हिसाव
खे जाओ ,
नान्तिनुकू
पहाड़ दिखे जाओ,
शहरो मी ताती
जाला ,
यौ गर्मी
पहाड़ काटी जाओ।
गौव -गौव
उजाड़ हेगी ,
ज्यादातर
घरकु ताई लटक गी ,
खौव मी दूब
जामगो ,
मंदिर मी
दीय जगाई म्हणो हेगो,
कुछ दिन ऐ
जाओ ,
दाज्यू ,
आपुण पहाड़ देख जाओ।
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