Thursday, 14 March 2019

फूलदेई




घरबार आबाद रौ ,
देई बट्टी सुख और संपत्ति ,
फूल चढूनी आज हम ,
पूर साल तुम्हौर बड़ी रो। 

आशीष हमकू ले दियो ,
दूब जस फैलो ,
आकाश जस विशाल ,
पर्वत जस ऊंच रो। 

तुम्हौर देई कू भेटने रो ,
गौव गाड़ म्योर हरी भरी रो ,
हम नानतिन खेलन रो ,
सबु कुशल मंगल है रो। 

गौव बूढ़ बाड़ी स्वस्थ रो ,
देश परदेश सब कुशल रो ,
हँसने रइया साल भर ,
के कष्ट नि ओ। 

1 comment:

  1. फूलदेई पहाड़ो का अद्भुत त्यौहार है जो आपस में प्रेम और सौहार्द का प्रतीक है।

    ReplyDelete

जोशीमठ

  दरारें , गवाह है , हमारे लालच की , दरारें , सबूत है , हमारे कर्मों की , दरारें , प्रतीक है , हमारे स्वार्थ की , दरारें ...