कसी भूलू आपुण पहाड़ो कू ,
ऊ ठंड ठंड हाव ,
ऊ नौव पाणी ,
ऊ ताल माल बखाई ,
ऊ गोलज्यू थान ,
ऊ ऊँच नीच बाट ,
ऊ पन दा चाहेक दूकान ,
ऊ काकड़ेक झाल ,
ऊ मड़ुआ रवाट,
ऊ काफ़लेक स्वाद ,
ऊ आम्म बुबु फसक ,
ऊ धार मी घाम ,
ऊ बाँजेक बुझाणि स्योव ,
बता दी भुला ,
कसी भूलू आपुण पहाड़ो कू।
ऊ दमुआ और निशाण ,
ऊ झोड़ा चाँचरी ,
ऊ छोलिया नृत्य ,
ऊ बीन बाजोक तान ,
ऊ जागर मी हुड़केक थाप ,
ऊ पत्तल मी आलू गोभी साग ,
ऊ एच पेच ,
बता दी भुला ,
कसी भूलू आपुण पहाड़ो कू।
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