Thursday, 22 February 2018

कुमाउनी होली ( स्वरचित )



 हो , हो ,हो 
जय हो भूमिया देवो , 
जय जय हो कुल देवा , 
बचे बे धरिया सबकु 
हम छा  तुम्हौर शरणा।  

हो , हो , हो ,हो 
सब जन खुश धरिया , 
नान्तिनो कु आशीष दिया , 
बुड -बाढ़ी क्यू ठीक रखिया , 
गोठ बट्टी भतेर तक , 
आपुण कृपा धरिया।  

हो , हो , हो ,हो 
चीर चढ्नु आज तुम्ही कौ , 
मांगनू इजाजत होई खेलुनु , 
अबीर गुलाल आज चढ्नु, 
गौव पर आपुण आशीष धारिया।  

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