Friday, 7 November 2025

कुमाउँनी फसक

 


लेखने लेखने हाथ पट्टे गी , कलमक टूटी टाँकी ,

इंटरनेट पहुँच गो घर घर मी , अब क्ये लेखु बाकी। १।

 

बवाल मचे हले मोबाइलेल , नानतिन सब बिगाड़ हाली। 

रील बढ्नु चस्क लाग गो , किताब बाझ हाली। २।

 

न्यूत पात सब व्हाट्सप्प हेगो , सामान ऑनलाइन एगो। ।

बूढ़ आमा धात लगनु , ब्व्यार इंस्टाग्राम रील देखण मी पट्टे गे। ३।

 

ग्वोर -बाछ को पाऊ अब , खेती बाणी मी बजर पड़ी गो ।

फ्री राशन मी मगन छीन , गोठ  बट्टी भतेर तक फरांग हेगो। ४। 

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