लेखने लेखने हाथ पट्टे गी , कलमक टूटी टाँकी ,
इंटरनेट पहुँच गो घर घर मी , अब क्ये लेखु बाकी। १।
बवाल मचे हले मोबाइलेल , नानतिन सब बिगाड़ हाली।
रील बढ्नु चस्क लाग गो , किताब बाझ हाली। २।
न्यूत पात सब व्हाट्सप्प हेगो , सामान ऑनलाइन एगो। ।
बूढ़ आमा धात लगनु , ब्व्यार इंस्टाग्राम रील देखण मी पट्टे
गे। ३।
ग्वोर -बाछ को पाऊ अब , खेती बाणी मी बजर पड़ी गो ।
फ्री राशन मी मगन छीन , गोठ बट्टी भतेर तक फरांग हेगो। ४।
No comments:
Post a Comment