जब जाले अल्माड़ ,तब लागल गलमाड़,
तब पत लागौल - कदु बीसी हुनि सैकाड़ ,
आसान नेह च्यला ज़िन्दगी काटण ,
बाट -बाट मी मिलाल काना बुज और झिलमोड़।
क्वो न क्वो हुनर हुण चे आपुण पास ,
बाजि बख्त काम एजा , क्ये लाज ,क्ये शर्म ,
पावण भय आपुण पेट , हाथ नि फैला ,
कर्म करते रूण भौव , जेठेक घाम मी तपा।
आलस नि कर,कर्मोल आपुण भाग जगा,
चार डबल कमाले , द्वी डबल बचा ,
बखत कभते ले फाव मार दयूं ,
दगड़ी बड़ सोच समेझ बेर बड़ा।
जो नौव पाणी पीण नेह , ऊ तरफे जे झन,
डाँस ढुंग कभे बड़िये झन, केके दिल दुखें झन,
सब पाख मी चढ़ला , तू धुरी मी चढ़िये झन ,
पोथिरा , जाले
रौले आपुण माट कू भूलिये झन।
EXCELLENT TEACHINGS
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